राजीव गांधी राष्ट्रीय भूजल प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान की स्थापना IXवीं पंचवर्षीय योजना के दौरान केंद्रीय भूमि जल बोर्ड, जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय, भारत सरकार के एक प्रशिक्षण स्कंध के रूप में रायपुर में की गई तथा यह वर्ष 1997 से लगातर क्रियाशील है । राजीव गांधी राष्ट्रीय भूमि जल प्रशिक्षण और अनुसंधान संस्थान की स्थापना भूजल संसाधन विशेषज्ञों के प्रशिक्षण पाठ्यक्रम संचालित करने में इसकी राष्ट्रीय भूमिका है । राज्य या अन्य संस्थान भूजल क्षेत्र की प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूर्ण करने में उतने समर्थ नहीं हैं ।
भूजल संसाधन जनता की संपत्ति है और इसका बड़े पैमाने पर दोहन करने के कारण भारत के बड़े हिस्से में जल स्तर एवं जल की गुणवत्ता में तेजी से गिरावट आ रही है । इसे देखते हुए भूजल विशेषज्ञो, उप-विशेषज्ञों तथा अन्य हितधारकों के लिए संस्थान को तीन स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए चिन्हित किया गया है । इस प्रशिक्षण का उद्देश्य प्रशिक्षित विशेषज्ञों का सेतु निर्माण करना है ताकि भूजल संसाधन के स्थायित्व के क्षेत्र में कार्य कर सकें । रायपुर में टीयर-। प्रशिक्षण के दौरान राज्य एवं केन्द्र स्तर के भूजल विशेषज्ञों तथा उप विशेषज्ञों को वैज्ञानिक इनपुट के साथ-साथ भूजल संबंधी प्रशिक्षण दिया जाता है । भूजल स्थायित्व की दिशा में कार्य करने के लिए बड़े पैमाने पर प्रशिक्षित मानव संसाधन विशेषज्ञों की आवश्यकता होती है जिन्हें अल्पावधि में प्रशिक्षण नहीं दिया जा सकता है, इस लिए रायपुर स्थित संस्थान भूजल विशेषज्ञों तथा उपविशेषज्ञों के लिए टीयर-।। प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करता है । प्रतिभागिता के आधार पर भूजल प्रबंधन पर विचार किया गया है । जमीनी स्तर के हितधारकों को भूजल आंकड़ा संग्रहण के मूलभूत कौशल का प्रशिक्षण तथा क्षेत्र अध्ययन टीयर-।।। स्तरीय प्रशिक्षण देने के लिए संस्थान द्वारा केभूजबो क्षेत्रीय एवं राज्य एकक कार्यालयों में प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है ।
उद्देश्य:-
- भूजल के प्रशिक्षण, अनुसंधान और विकास के लिए उत्कृष्ट अंतराष्ट्रीय केन्द्र के रूप में विकसित करना।
- भूजल के विभिन्न क्षेत्रों में भूजल विशेषज्ञों, उप विशेषज्ञों को प्रशिक्षण देना।
- भूजल के गैर सरकारी संगठनों, पंचायती राज संगठनों तथा अन्य हितधारकों को प्रशिक्षण देना।
- भूजल मानीटरिंग तथा राष्ट्रीय जलभृत प्रबंधन परियोजना (नैक्यूम) के भागीदारी भूजल प्रबंधन कार्यक्रम के अंतर्गत जलभृत मैपिंग के लिए आंकड़ा संग्रहण हेतु विभिन्न हितधारकों को प्रशिक्षण देना।
- भूजल क्षेत्र में अनुसंधान एवं विकास कार्य।